This is My Hindi Blog I have written for all people of India and especially Worldwide , who want to Read something Spiritual, Inspirational, Cultural, Philosophic Content in Hindi Language.
Tuesday, October 30, 2012
Thursday, October 25, 2012
क्या सोचते हैं
आप मेरे कपड़े या accessories (एक्सेसरीज़ ), आदि के बारे में क्या सोचते हैं ये महत्वहीन है...
महत्वपूर्ण है कि तुम मेरे नीतिशास्त्र के बारे में क्या सोचते हैं
और... मेरे नीतिशास्त्र आप के बारे में क्या सोचते हैं !!!
महत्वपूर्ण है कि तुम मेरे नीतिशास्त्र के बारे में क्या सोचते हैं
और... मेरे नीतिशास्त्र आप के बारे में क्या सोचते हैं !!!
Wednesday, October 10, 2012
सर्वश्रेष्ठ अभियान - The Best Mission (Hindi)
इस दुनिया में लोग कई तरह के मिशन, स्कीम, प्रोमो, जन-जागृति, कार्यक्रम , अभियान .. चला रहे है
कोई किसी के नाम से , कोई किसी के नाम से
लेकिन सबसे बेहतर अभियान वही है,
जिसमे केवल ऊपरवाले की बड़ाई और मानवता की रक्षा शामिल हो .... !!!
कोई किसी के नाम से , कोई किसी के नाम से
लेकिन सबसे बेहतर अभियान वही है,
जिसमे केवल ऊपरवाले की बड़ाई और मानवता की रक्षा शामिल हो .... !!!
रास्तें ...
जब इंसान अपने दिमाग का इस्तेमाल (लाइफ को बेहतर बनाने के अन्यत्र) , दुसरे कही और जगहों पर करता हैं ...
या फिर जब इंसान जीवन की गहराइयों को साइंस के दृष्टिकोण से समझने-बुनने में लग जाता हैं ... ;
तो फिर उसे समझ में आता है, की जीवन की जतिल्ताओ को कंट्रोल करना तो दूर, उन्हें समझना भी नामुमकिन हैं !!!
और तब याद आता हैं ... की ....
" वो जो हमारा एक मालिक हैं ... उसी के बताये रास्ते ही परफेक्ट थे ; जिन्हें हमने भुला दिया , और जिन्हें हम हमेशा ही नज़र अंदाज़ कर देते हैं !!!! "
या फिर जब इंसान जीवन की गहराइयों को साइंस के दृष्टिकोण से समझने-बुनने में लग जाता हैं ... ;
तो फिर उसे समझ में आता है, की जीवन की जतिल्ताओ को कंट्रोल करना तो दूर, उन्हें समझना भी नामुमकिन हैं !!!
और तब याद आता हैं ... की ....
" वो जो हमारा एक मालिक हैं ... उसी के बताये रास्ते ही परफेक्ट थे ; जिन्हें हमने भुला दिया , और जिन्हें हम हमेशा ही नज़र अंदाज़ कर देते हैं !!!! "
Tuesday, October 9, 2012
Sunday, October 7, 2012
It's all about me...
कई लोगों को मेरे बारे में बात की, लेकिन कोई भी मेरे साथ बात करना चाहता है
कई लोगों को मेरे बारे में बात सुनी है, लेकिन मुझे कोई सुनना चाहता है
बहुत से लोग मेरे बारे में पूछा, लेकिन मुझे कोई पूछना चाहता
कई लोगों को मेरी दोस्ती पसंद है, लेकिन कोई भी मेरे सच्चे मित्र बनना चाहता है
बहुत से लोग मेरी मदद ली, लेकिन कोई भी मुझे याद
कई लोगों ने मुझसे मदद के लिए कहा है, लेकिन कोई भी मदद दी
कई लोगों ने मुझे स्वीकार किए जाते हैं, लेकिन कोई नहीं करने के लिए मुझे सराहना करना चाहता है
कई लोगों को मेरे बारे में ख्याल दिखाया गया है, लेकिन कोई भी मेरे बारे में परवाह करना चाहता है
....
मनुष्य सिर्फ स्वार्थी हैं ......
भगवान, जो सहायक, दयालु और महान है एक बहुत बहुत धन्यवाद!
फिर भी, मानव स्वभाव के अनुसार, मैं अकेले हमेशा के लिए नहीं किया जा सकता है
मैं अकेले रहना सीखा
अकेलापन मेरी कभी सबसे अच्छा मित्र है ....
फिर भी मैं लोगों के साथ रहना चाहता है .... आप ....
शुक्रिया!
और
भगवान तुम्हें आशीर्वाद .... !
हामिद फैसल
(नागपुर, भारत)
कई लोगों को मेरे बारे में बात सुनी है, लेकिन मुझे कोई सुनना चाहता है
बहुत से लोग मेरे बारे में पूछा, लेकिन मुझे कोई पूछना चाहता
कई लोगों को मेरी दोस्ती पसंद है, लेकिन कोई भी मेरे सच्चे मित्र बनना चाहता है
बहुत से लोग मेरी मदद ली, लेकिन कोई भी मुझे याद
कई लोगों ने मुझसे मदद के लिए कहा है, लेकिन कोई भी मदद दी
कई लोगों ने मुझे स्वीकार किए जाते हैं, लेकिन कोई नहीं करने के लिए मुझे सराहना करना चाहता है
कई लोगों को मेरे बारे में ख्याल दिखाया गया है, लेकिन कोई भी मेरे बारे में परवाह करना चाहता है
....
मनुष्य सिर्फ स्वार्थी हैं ......
भगवान, जो सहायक, दयालु और महान है एक बहुत बहुत धन्यवाद!
फिर भी, मानव स्वभाव के अनुसार, मैं अकेले हमेशा के लिए नहीं किया जा सकता है
मैं अकेले रहना सीखा
अकेलापन मेरी कभी सबसे अच्छा मित्र है ....
फिर भी मैं लोगों के साथ रहना चाहता है .... आप ....
शुक्रिया!
और
भगवान तुम्हें आशीर्वाद .... !
हामिद फैसल
(नागपुर, भारत)
ज्ञानी ... ???
दरअसल सत्य तो ये हैं ...
की अक्सर जब इंसान अपने दायरे से अधिक जान नहीं पाते,
तो वे दुसरे ज्ञानियों के ज्ञान व मार्गदर्शन का सहारा लेते हैं !
ऐसे में अगर उनसे थोड़ा अधिक बुद्धिमान/ज्ञानी व्यक्ति उन्हें अक्सर
असत्य (गलत ) या अल्प-सत्य(अधूरा) या ज्ञान भी दे सकता है ।
की अक्सर जब इंसान अपने दायरे से अधिक जान नहीं पाते,
तो वे दुसरे ज्ञानियों के ज्ञान व मार्गदर्शन का सहारा लेते हैं !
ऐसे में अगर उनसे थोड़ा अधिक बुद्धिमान/ज्ञानी व्यक्ति उन्हें अक्सर
असत्य (गलत ) या अल्प-सत्य(अधूरा) या ज्ञान भी दे सकता है ।
|| सर्व धर्मं सम भाव ||
सबका मालिक एक
तो फिर ये इतने सारे भेद-भाव क्यूँ?
आप जिस को मानते हैं, उसी के कथनों - विचारों से इनकार क्यूँ करते हैं ?
आप धर्म को तो मानते है, लेकिन असली मायनों में आप में धार्मिकता कब आयेगी ?
शिक्षा महानतम चीज़ हैं ; मगर हम लोगो ने आजकल, शिक्षा को बाज़ार तक जाने का एक रास्ता बना दिया हैं !!
तो फिर ये इतने सारे भेद-भाव क्यूँ?
आप जिस को मानते हैं, उसी के कथनों - विचारों से इनकार क्यूँ करते हैं ?
आप धर्म को तो मानते है, लेकिन असली मायनों में आप में धार्मिकता कब आयेगी ?
शिक्षा महानतम चीज़ हैं ; मगर हम लोगो ने आजकल, शिक्षा को बाज़ार तक जाने का एक रास्ता बना दिया हैं !!
Subscribe to:
Posts (Atom)