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Sunday, October 7, 2012

|| सर्व धर्मं सम भाव ||

 सबका मालिक एक
तो फिर ये इतने सारे भेद-भाव क्यूँ?

आप जिस को मानते हैं, उसी के कथनों - विचारों से इनकार क्यूँ करते हैं ?

आप धर्म को तो मानते है, लेकिन असली मायनों में आप में धार्मिकता कब आयेगी ?

शिक्षा महानतम चीज़ हैं ; मगर हम लोगो ने आजकल, शिक्षा को बाज़ार तक जाने का एक रास्ता बना दिया हैं !!

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